Tuesday 28 April 2015

भोजपुरी सिनेमा के तीसरे दौर की पहली भोजपुरी फिल्म संईया हमार : सुपर स्टार बने रवि किशन

(रवि किशन & अर्पिता पाल)
भोजपुरी सिनेमा का सुनहरा हर एक दौर  उत्सुकता भरा हुआ  है। भोजपुरी सिनेमा के इतिहास के तीसरे दौर की चर्चा करते हुए कई अनकहे तथ्य जेहन में उतर  आते है।  आज हम भोजपुरी सिनेमा के सुनहरे तीसरे दौर के शुभारम्भ की पहली भोजपुरी फिल्म का जिक्र कर रहे हैं। यह वह दौर था जब भोजपुरी भोजपुरी सिनेमा का निर्माण ठप्प सा हो गया था।  लोग भोजपुरी सिनेमा की नयी फिल्म नहीं देख पा रहे थे। ऐसे में फिल्म वितरक से फिल्म निर्माता बने मोहन जी प्रसाद ने भोजपुरी फिल्म के निर्माण और निर्देशन की योजना बनाई।         
                                                                      सन २००१ में  भोजपुरी फिल्म संईया हमार के नाम से फिल्म के निर्माण कार्य शुरू किया गया।  चूँकि मोहन जी प्रसाद अधिकतर कलकत्ता में ही रहा करते थे और वहां की फिल्म इंडस्ट्री में इनकी अच्छी पैठ थी। इसलिए सभी कलाकारों का चयन कलकत्ता के कलाकरों का किया गया।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
(रवि किशन & बृजेश त्रिपाठी)
भोजपुरी सिनेमा के हर एक घटना को दिन तारीख सहित कांठस्थ किये हुए वरिष्ठ अभिनेता बृजेश त्रिपाठी की अहम भूमिका रही है। जब फिल्म के हीरो की तलाश की जा रही थी तब उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के गबरू जवान जैसी कद काठी के स्वामी रवि किशन का चेहरा बृजेश त्रिपाठी ने मोहन जी प्रसाद के समक्ष प्रस्तुत किया और  मोहन जी प्रसाद से रवि किशन की एक ही मुलाक़ात में फिल्म के हीरो का चयन कर लिया गया। फिल्म की नायिका की भूमिका में कलकत्ता की अदाकारा अर्पिता पाल का चयन किया गया।  मुख्य खलनायक का किरदार बृजेश त्रिापाठी ने निभाया।  इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग मार्च २००१ और अप्रैल २००१ में दो शेड्यूल में कलकत्ता और फाल्दा में पूरी की गयी थी। फिल्म का कुछ अंश की शूटिंग मुंबई में भी की गई थी।  सन २००२ में रंगों का त्यौहार होली पर्व पर यह फिल्म संईया हमार प्रदर्शित की गई। अमीरी-गरीबी, जाति-पाँति, ऊँच-नीच के भेदभाव  पर आधारित युगल प्रेम कहानी वाली यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई। 

रवि किशन के रूप में भोजपुरी सिनेजगत को एक नया सितारा मिला जो लगातार ४ साल तक कई सुपर हिट फिल्म देकर भोजपुरी सिनेमा के दूसरे सुपर स्टार का ख़िताब हासिल किया। इनकी लोकप्रियता और भोजपुरी सिनेमा के प्रति समर्पण से प्रभावित होकर मॉरीशस सरकार ने "भोजपुरी सिनेमा का महानायक रवि किशन" का ख़िताब देकर सम्मानित किया।  यह भोजपुरी सिनेमा के लिए गर्व की बात है। 

गौरतलब है कि  सन १९८० में निर्माता अशोक चन्द जैन और निर्देशक कमर नार्वी की धरती मईया फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस फिल्म के जरिये भोजपुरी सिनेमा के पहले सुपर स्टार कुणाल सिंह यादव का पदर्पण हुआ।  कुणाल सिंह  दो दशक (२० साल) तक अकेले सुपर स्टार रहे हैं। इनकी फिल्में आज सभी भोजपुरिया सिनेप्रेमी बड़े चाव से पूरे परिवार सहित एक साथ बैठकर देखते हैं। 






फिल्म संईया हमार के गीतकार विनय बिहारी, संगीतकार सुजीत कुमार उपाध्याय व तबुन थे।  पार्श्वगायन उदित नारायण, विनोद राठौड़, कल्पना आदि ने किया था।  मुख्य भूमिका में रवि किशन, अर्पिता पाल, बृजेश त्रिपाठी, लावली सरकार,दीपांकर डे आदि थे। मेहमान भूमिका में बॉलीवुड के नामचीन अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती थे। जहाँ रवि किशन की यह पहली भोजपुरी फिल्म थी वहीँ मिथुन चक्रवर्ती की भी पहली भोजपुरी फिल्म थी। इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती की दूसरी फिल्म भोले शंकर आयी थी। निर्देशक और हीरो की जोड़ी के रूप में मोहन जी प्रसाद और रवि किशन लगातार कई सुपर हिट फिल्मों में साथ में काम किया है।

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