
देखिये इस लिंक में हनुमान जी भजन -
हनुमान जयंती के दिन भक्तजन हनुमान की मूर्ति
पर सिंदूर लगाते हैं। इसके पीछे एक बहुत लोकप्रिय कथा है। एक बार सीता जी अपने
माथे पर सिंदूर लगा रही थीं, हनुमान ने उसके महत्व के बारे में पूछा। सीता जी ने कहा
कि इससे उनके पति "भगवान राम" की दीर्घ आयु सुनिश्चित होगी। यह सुनकर हनुमान
जी ने अपने
भगवान की अमरता की प्रार्थना करते हुये अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। वे जब
श्री राम जी के सामने
आये तो श्री राम जी ने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगाने का कारण जाने के बाद और हनुमान जी
की भक्ति देखकर
भगवान राम बहुत प्रसन्न प्रसन्न हुए। श्री राम जी ने आशीर्वाद
दिया कि जो भी हनुमान के शरीर पर सिंदूर लगायेगा उसे मेरी प्रेम
भरी निष्ठा मिलेगी और मैं उस भक्त से खुश होउंगा। हनुमान जयंती के दिन हनुमान की विशेष पूजा-आराधना की जाती है तथा व्रत किया जाता है। सिन्दूर चढ़ाकर हनुमान जी का विशेष श्रृंगार किया जाता है तथा पान
चढ़ाया जाता है। लोग दर्शन के लिये हनुमान मंदिर जाते है और मूर्ति का सिंदूर अपने
माथे के ऊपर लगाते हैं। भक्तजन हनुमान चालीसा का पाठ करते है, हनुमान जी की आरती के विशेष
आयोजन करते हैं और भगवान राम के नाम का जाप करते हैं। माना जाता है कि इससे उन्हे सौभाग्य प्राप्त होगा। लोगों मे
प्रसाद बाँटा जाता है।
हनुमान जी के बारे में एक कथा प्रचलित है कि बल्यकाल में भूखे होने के कारण हनुमान जी उदय होते हुए सूर्य को फल समझकर आकाश में उनके समीप चले गए। उस दिन पर्व तिथि होने से सूर्य को ग्रसने के लिए राहु आ रहे थे परन्तु हनुमान जी को देखकर राहु ने उन्हें दूसरा राहु समझकर भागने लगे। तब इन्द्र ने अंजनीपुत्र पर वज्र का प्रहार किया। इससे उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई, जिसके कारण उनका नाम हनुमान पड़ा।
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