Tuesday 21 October 2014

दीपों का त्यौहार : दीपावली


दीपावली : भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में से है ''दिवाली'' दीपों का त्यौहार। यह त्यौहार भारत के अलावा विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व  उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दीवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं। मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनायी जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है।

दीपावली का वीडियो देखने के लिए  लिंक को क्लिक कीजिये - 


धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व  : रामायण काल में अयोध्या के राजा पुरुषोत्तम श्री राम चन्द्र जब लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके अयोध्या वापस आये थे। उनके लौटने की  खुशी मे पूरा नगर दीपों को जलाकर सजाया गया और दीपावली का त्यौहार मनाया गया था। तब से आज तक सभी लोग यह पर्व मनाते है। श्री कृष्ण काल में दीपावली के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाए। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था और इसी दिन समुद्रमंथन के समय  लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं। इसलिए यह दीपाली  त्यौहार का धार्मिक महत्त्व बहुत ही गहरा है। 



हर्षोल्लाश  के साथ दीपावली  मानते हुए देखिये इस लिंक में - 
http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/OK-5GiGhhKU/Diwali-Festival-of-lights

जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है।  सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर  में सन 1577 में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था।  इसके अलावा सन 1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से 52 छोटे छोटे राज्यों के राजाओं रिहा करवाये थे। इस दिन  "बन्दी छोड़ दिवस" भी कहा जाता है। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है। पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ  का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय 'ओम' कहते हुए समाधि ले ली।

 शुभ दिवाली आ गयी भजन देखिये इस लिंक में भजन सम्राट अनूप जलोटा की आवाज़ में - 
http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/1_xjZ_d2mzs/HAPPY-DIWALI2012--SHUBH-DIWALI-AA-GAYI---Anup-jalota

महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे। मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्यौहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग लेते थे। शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लालकिले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे। 


http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/2Xs2ze9OIek/Top-5-Bollywood-Diwali-Songs-Shubh-Deepawali-Diwali-Special

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