Tuesday 4 March 2014

भोजपुरी सिनेमा का अब तक के 50 साल का सफ़र : भोजपुरीनामा डॉट कॉम

{ फ़िल्म निर्माता -  विश्वनाथ शाहाबादी एवं प्रथम राष्ट्रपति - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद }
भोजपुरी सिनेमा का सुनहरा दौर दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है।  हिन्दी के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भोजपुरी ही है। यह भाषा आम बोल चाल में इतनी सरल है कि हिन्दी भाषा जानने और समझने वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ लेता है। अगर हम बात करें हिन्दी सिनेमा के निर्माण की तो आज से 50 साल पहले की जितनी हिन्दी फिल्मों का निर्माण हुआ है लगभग सभी फिल्मों का भोजपुरी परिवेश में ही चरित्र-चित्रण किया गया है।
आइये जानते हैं भोजपुरी सिनेमा के अब तक के 50 साल के सफ़र बारे में :

{ पहली भोजपुरी फ़िल्म - गंगा मईया तोहे पियरी चढ़ईबो }

भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत :- जहाँ  हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे हुए हैं, वहीँ भोजपुरी सिनेमा ने भी अपने 50 साल के सफ़र को पार कर अपनी राह पर तेज़ कदमों से आगे बढ़ रहा है।  भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत यूँ तो सन 1960 में हुईं जब भारत के पहले राष्ट्रपति डा० राजेंद्र प्रसाद, जो कि  बिहार में जन्में और पले बढ़े थे। उन्होंने फ़िल्म निर्माता  विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी से मुलाकात कर भोजपुरी फिल्म बनाने की प्रेरणा दी और तीन साल बाद 1963 में, यानि आज से 50 साल पहले भोजपुरी की पहली फिल्म बनकर प्रदर्शित हुई  जिसका नाम था *गंगा मईया तोहे पियरी चढ़ाइबो* जिसे विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी के बैनर निर्मल पिक्चर्स के बैनर तले कुन्दन कुमार के निर्देशन में बनाया गया था। 


{ अभिनेता -  नासिर हुसैन एवं प्रथम राष्ट्रपति - डॉ. राजेन्द्र प्रसाद }
भारत देश के अलावा विदेश में भी भोजपुरी भाषा का विस्तार :- आज भोजपुरी फिल्में भोजपुरी जुबान बोलने वाली जनसंख्या में बेहद लोकप्रिय हैं, जो कि  पश्चिम बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तराई का इलाका और दक्षिण नेपाल तक फैली हुई है। न सिर्फ पूरे भारत में बल्कि दुनियां के कई देशों में भी भोजपुरी  फिल्में देखी जाती है। मारीशस, नीदरलैंड, ब्राज़ील, फ़िजी, गुआयना , दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, सूरीनाम, त्रिनिनाद, सिडनी तथा टोबैको सहित लगभग 25 से भी ज्यादा देश हैं जहां भोजपुरी भाषी लोग बसे हैं ज्यादातर भोजपुरी भाषा बतौर मातृभाषा बोली जाती है। हिंदी के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी भाषा है जिसे देश  और  विदेश में लगभग 35 करोड़ लोग बोलते हैं। भोजपुरी फिल्मों का व्यवसायीकरण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो चुका है। मारीशस सरकार द्वारा महानायक का ख़िताब पा चुके रवि किशन अभिनीत भोजपुरी  फिल्म- *जरा देब दुनिया तोहरे प्यार में* का कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित होना गर्व की बात है। यह पहली भोजपुरी फिल्म है जिसने कान्स में अपनी मौजूदगी दर्ज करायी।................

पहला भाग  समाप्त : दूसरा भाग आप पढ़िये शुक्रवार को शाम के समय। 

नोट : हमारा हर पोस्ट प्रत्येक सप्ताह मंगलवार और शुक्रवार को किया जायेगा।

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