Friday 2 January 2015

नव वर्ष : पूरे विश्व में अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है



नव वर्ष  की शुरुआत नई उम्मीद, नया जोश, उत्साह और नया संकल्प के साथ की जाती है. १ जनवरी को नया साल एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है।
हिन्दू नवर्ष : चैत्र महीने से पहले दिन से नया साल मनाया जाता है. ३१ दिसंबर की शाम की तरह होलिका दहन उत्सव फाल्गुन माह की अंतिम रात को मनाया जाता है और चैत्र माह के पहले दिन रंगों का त्यौहार होली पर्व मनाया जाता है.
इस्लामिक नववर्ष : इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है। इस्लामी कैलेंडर एक पूर्णतया चन्द्र आधारित कैलेंडर है जिसके कारण इसके बारह मासों का चक्र ३३ वर्षों में सौर कैलेंडर को एक बार घूम लेता है। इसके कारण नव वर्ष प्रचलित ग्रेगरी कैलेंडर में अलग अलग महीनों में पड़ता है। 

नववर्ष का वीडियो देखिये इस लिंक में - 
http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/oEPotH3EXbk/Happy-New-Year-

पश्चिम नववर्ष :  नव वर्ष उत्सव ४००० वर्ष पहले से बेबीलोन   में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार २१ मार्च  को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
प्राचीन रोम में भी नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी। रोम के तानाशाह जूलियस सीजर  ने ईसा पूर्व ४५वें वर्ष में जबजूलियन कैलेण्डर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार १ जनवरी  को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व ४६ इस्वी को ४४५ दिनों का करना पड़ा था।

नया साल खुशियों का त्यौहार देखिये इस लिंक में -
http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/ObYrbJU95VU/Happy-New-Year-

हिब्रू नववर्ष : हिब्रू मान्यताओं के अनुसार भगवान द्वारा विश्व को बनाने में सात दिन लगे थे। इस सात दिन के संधान के बाद नया वर्ष मनाया जाता है। यह दिन ग्रेगरी के कैलेंडर के मुताबिक ५ सितम्बर से ५ अक्टूबर के बीच आता है।
आइये जानते हैं भारत के सभी राज्यों में कब मनाया जाता है नववर्ष :

भारत  के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती है।पंजाब  में नया साल बैशाखी  नाम से १३ अप्रैल को मनाई जाती है। सिख  नानकशाही कैलंडर के अनुसार १४ मार्च होला मोहल्ला नया साल होता है। इसी तिथि के आसपास बंगाली तथा तमिळ नव वर्ष भी आता है। तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है। आंध्रप्रदेश में इसे उगादी (युगादियुग + आदि का अपभ्रंश) के रूप में मनाते हैं। यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है। तमिल नया साल विशु १३ या १४ अप्रैल को तमिलनाडु  और केरल  में मनाया जाता है। तमिलनाडु में पोंगल  १५ जनवरी को नए साल के रूप में आधिकारिक तौर पर भी मनाया जाता है। कश्मीरी कैलेंडर नवरेह १९ मार्च को होता है। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा  के रूप में मार्च  अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, कन्नड नया वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं, सिंधी उत्सव चेटी चंड  उगाड़ी और गुड़ी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है। मदुरै  में चित्रैय महीने में चित्रैय तिरूविजा नए साल के रूप में मनाया जाता है। मारवाड़ी  नया साल दीपावली  के दिन होता है। गुजराती  नया साल दीपावली के दूसरे दिन होता है जो अक्टूबर या नवंबर में आती है। बंगाली नया साल पोहेला बैसाखी १४ या १५ अप्रैल को आता है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश  में इसी दिन नया साल होता है। 

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