Tuesday 6 May 2014

चुनावी जंग में दो दिग्गज भोजपुरी सितारों मे कांटें की टक्कर

पिछले ब्लॉग मे आपने पढ़ा कि चुनावी जंग में भोजपुरी सितारें अपनी ग्लैमर छवि से मतदाताओं को आकर्षित करते हुये अपनी अपनी जीत पक्की मान रहे हैं।
अब पढ़िए चुनावी समर में किस तरह भोजपुरी सितारों में काँटे की टक्कर की ज़ंग छिड़ी हुईं है। दोनों दिग्गज  शत्रुघ्न सिन्हा तथा  कुणाल सिंह यादव  पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से आमने - सामने चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों सितारे विजयी होने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। पटना साहिब संसदीय क्षेत्र का चुनाव हो चुका है और इनकी विजय श्री  का पताका 16 मई तक के लिए बंद है।  किसकी होगी जीत और किसकी होगी हार, इसका  पता 17 मई को होने वाला है।  


शत्रुघ्न सिन्हा :  पटना साहिब के मूल निवासी हैं शत्रुघ्न सिन्हा और अपने पैतृक क्षेत्र से चुनाव भी लड़ रहे  है।  67 वर्षीय भाजपा प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा,  पूर्व प्रधानमंत्रीअटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में शत्रुघ्न सिन्हा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। ये  "बिहारी बाबू" के नाम से भी सम्बोधित किये जाते हैं। वास्तव में, पटना साहिब सीट बिहार में भारतीय जनता पार्टी के चेहरे के रूप में माना जाता है और सीट को बनाए रखना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है। बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में 1.66 लाख से अधिक मतों के अंतर से 2009 में पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। 



कुणाल सिंह यादव :  लंबे समय से कांगेस पार्टी के सांस्कृतिक सेल के अध्यक्ष हैं  कुणाल सिंह यादव । कांग्रेस राज्य सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के मंत्रिमंडल में कुणाल सिंह यादव  के पिताजी - बुद्धदेव सिंह यादव मंत्री रहे हैं।  इस तरह  कुणाल सिंह यादव मझे  हुए कलाकार होने के साथ-साथ विरासत मिली राजनीति के कुशल नेता हैं। 

56  वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी कुणाल सिंह भोजपुरी सुपर स्टार है। इन्होंने अब तक 136 फिल्मों में अभिनय किया है।  2012 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सिनेमा के माध्यम से भोजपुरी भाषा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया है। 

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