अंतर्राष्ट्रीय इतिहास और परम्पराएं : अधिकांश
देशों में मातृ दिवस हाल ही में पालन की गयी छुट्टियों
से व्युत्पन्न है जो उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विकसित हुई है। जब यह अन्य देशों
और संस्कृतियों के द्वारा अपनाया गया था तब इसे दूसरा अर्थ दिया गया, जो अलग घटनाओं (धार्मिक, ऐतिहासिक या पौराणिक) से जुड़े थे और अलग-अलग
तारीख या तारीखों पर मनाये जाते थे।
कुछ देशों में पहले से ही मातृत्व का सम्मान
करने के लिए समारोह था और उन्होंने समारोह का पालन करने के लिए अपनी स्वयं की मां
को गुलनार फूल और अन्य उपहार देने जैसी कई बाहरी विशेषताएं अमेरिकन छुट्टियों से
ली गयीं। इस समारोह को मनाने का अपना-अपना तौर-तरीका
हैं। कुछ देशों में अगर मातृत्व दिवस के उपलक्ष्य पर अपनी मां को सम्मानित नहीं
किया गया तो यह अपराध माना जाता हैं। कुछ देशों में यह एक छोटे से प्रसिद्ध त्योहार के रूप में
मनाया जाता हैं। अमेरिकी छुट्टी एवं अन्य देशों की संस्कृतियों के द्वारा अपनाया गया मातृत्व सम्मान का जश्न मनाने के लिए तारीख बदली गई। यू के में मदरिंग सन्डे एवं ग्रीस के मंदिर में परम्परानिष्ठ उत्सव मनाये जाते हैं। कुछ देशों में बहुसंख्यक धर्मों के महत्त्वपूर्ण तिथियों की महत्ता को सम्मानित करने के लिए तारीख बदली गयी, कैथोलिक देशों में वर्जिन मेरी डे अथवा इस्लामी देशों में पैगंबर मुहम्मद की बेटी के जन्मदिन के मामले में हुआ। अन्य देशों ने इन्हें ऐतिहासिक तारीखों में बदल दिया, जैसे बोलीविया ने उस खास युद्ध की तारीख का उपयोग किया जिसमें महिलाओं ने हिस्सा लिया था।
मातृ दिवस का धर्म से जुड़ाव :हिंदू परंपरा में इसे "माता तीर्थ औंशी" या "मदर पिल्ग्रिमेज फोर्टनैट" कहा जाता हैं और यह हिन्दू जनसंख्या वाले देशों, विशेष रूप से नेपाल में, मनाया जाता हैं। कैथोलिक धर्म में यह छुट्टी वर्जिन मेरी के श्रद्धांजली देने की प्रथा के साथ जुड़ा हुआ हैं।
मातृ दिवस का धर्म से जुड़ाव :हिंदू परंपरा में इसे "माता तीर्थ औंशी" या "मदर पिल्ग्रिमेज फोर्टनैट" कहा जाता हैं और यह हिन्दू जनसंख्या वाले देशों, विशेष रूप से नेपाल में, मनाया जाता हैं।
प्रमुख देश :
अफ्रीका : अफ्रीका में मातृ दिवस
मनाने का तरीका ब्रिटिश परंपरा द्वारा अपनाया गया हैं। मातृ दिवस मनाने के कई समारोह विभिन्न
संस्कृतियों के अंतर्गत अफ्रीकन महाद्वीप में मनाया जाता है।
बोलीविया : बोलीविया में, मातृत्व दिवस 27
मई को मनाया जाता हैं। इसे कोरोनिल्ला युद्घ
को स्मरण करने के लिए 8
नवम्बर 1927 को कानून पारित किया गया। यह युद्ध 27 मई 1812
को उस जगह हुआ था जो अब कोचाबाम्बा का शहर
कहलाता है। इस लड़ाई में,
उन महिलाओं का स्पेनिश सेना द्वारा सरेआम
कत्ल कर दिया गया जो देश की आजादी के लिए लड़ रही थी।
चीन : चीन में मातृ दिवस और अधिक लोकप्रिय होता जा रहा है और इस दिन उपहार के रूप में गुलनार
का फूल,
जो बहुत लोकप्रिय हैं सबसे अधिक बिकते हैं। ये दिन गरीब माताओं की मदद के लिए 1997 में निर्धारित किया गया था। खासतौर पर लोगों
को उन गरीब माताओं की याद दिलाने के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों पश्चिम चीन में रहती थीं। पीपुल्स डेली में जो चीन के कम्युनिस्ट पार्टी की पत्रिका हैं उसमें एक लेख में कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र
में इस दिन का प्रादुर्भाव होने के बावजूद चीन के लोग इस छुट्टी को बिना किसी हिचकिचाहट के मनाते हैं क्योंकि ये
परम्परागत नीतियों,
बुजुर्गों के प्रति सम्मान और संतानों का
माता-पिता के प्रति धर्मनिष्ठा के रूपरेखा के
अंतर्गत आते हैं।
हाल ही के कुछ सालों में चीन की कम्युनिस्ट
पार्टी के सदस्य ली हंकिऊ ने मातृ दिवस को मेंग मु, जो मेंग जी की मां थीं। उनकी याद में कानूनी मान्यता देने के लिए हिमायत की और 100 कन्फ़ुसियन विद्वान और नैतिकता के प्रवक्ताओं
की मदद से गैर सरकारी संगठन बनाया गया जिसका नाम चाइनिज मदर फेस्टिवल प्रोमोशन सोसाइटी है। उन्होंने पश्चिमी उपहार गुलनार के बदले सफ़ेद लिली देने के लिए कहा जो प्राचीन समय में चीनी
महिलाओं द्वारा तब लगाया जाता था जब उनके बच्चे अपना घर छोड़कर जाते थे।
ग्रीस : ग्रीस में मातृ दिवस के रूप में यीशु की प्रस्तुति मंदिर में पूर्वी रूढ़िवादी उत्सव मनाया जाता था। चूंकि थियोटोकोस (परमेश्वर की मां),
जो मसीह को यरूशलेम के मंदिर तक लाने के कारण
प्रमुख रूप से इस उत्सव से संलग्न हैं इसलिए यह दावत माताओं के साथ जुड़ी है।
ईरान :मुहम्मद की बेटी फातिमा का सालगिरह 20 जुमादा अल-ठानी को मनाया जाता है।यह ईरानी क्रांति के बाद बदल दिया गया था। इसका कारण नारीवादी आंदोलनों के सिद्धांतों
को हटा कर पुराने पारिवारिक आदर्शों के लिए आदर्श प्रतिरूप को बढ़ावा देना था। यह पहले ईरानी कैलेंडर में शाह युग के दौरान 25 अजार था।
जापान : प्रारम्भ में मातृ दिवस जापान में शोवा अवधि के दौरान महारानी कोजून (सम्राट अकिहितो की माँ ) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता
था। आजकल यह एक विपणन छुट्टी है जिसमें लोग गुलनार के फूल और गुलाब उपहार के रूप
में देते हैं।
मेक्सिको : अलवारो ओब्रेगोन की सरकार ने एक्सेलसियर अख़बार के साथ मिलकर 1922 में यह छुट्टी अमेरिका से अपनाई जिसके लिए उस
साल जबरदस्त संवर्धन अभियान चलाया गया। रूढ़िवादी सरकार ने इस छुट्टी को माताओं को
अपने परिवार में अधिक रूढ़िवादी भूमिका निभाने के लिए इस्तेमाल किया था जिसकी
समाजवादियों ने आलोचना करते हुए कहा था कि ये औरतों की एक असत्य छवि को बदावा देते
हैं जिसके अनुसार औरत प्रजनन मशीन से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
लाजरो कार्देनस की सरकार ने 1930 के मध्य में इसे "देशभक्ति का त्यौहार" के रूप में बढ़ावा
दिया। कार्देनस सरकार ने इस छुट्टी का उपयोग विभिन्न प्रयासों के लिए एक साधन के
रूप में यह सोचते हुए किया कि परिवार का राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान होता
हैं और मेक्सिकन लोगों में अपनी मां के प्रति वफादारी का लाभ उठाते हुए चर्च और
कैथोलिक प्रथाओं के प्रभावों को कम करते हुए मेंक्सिकन महिलाओं में नई नैतिकता का
सूत्रपात किया।
सोलेदाद ओरोज्को गार्सिया, राष्ट्रपति मैनुअल एविला कामाचो की पत्नी ने इस छुट्टी को सन् 1940
के दशक के दौरान इसे एक महत्वपूर्ण राज्य
प्रायोजित समारोह बनाने में बढ़ावा दिया। 1942 का उत्सव एक पूरे हफ्ते तक चला, जिसमें यह घोषणा करवा दी गयी कि सभी महिलाएं
पव्नेद सिलाई मशीनों को मोंटे दे पिएदाद से बिना मूल्य पुनः प्राप्त कर सकती हैं।
कैथोलिक राष्ट्रीय स्य्नार्चिस्ट संघ (UNS) ने 1941 के आसपास की छुट्टियों पर ओरोज्कोस की तरक्की के लिए ध्यान देना शुरू कर दिया
था। मैक्सिकन क्रांति (आजकल PRI ) के सदस्यों जिनकी दुकानें थीं, उनका रिवाज था कि विनम्र वर्ग की महिलाएं
मात् दिवस पर उनकी दुकानों पर जाकर कोई भी उपहार मुफ्त में लेकर अपने घर आकर
परिवार वालों को दे सकती हैं। 1942 में सोलेदाद का छुट्टी का सबसे बड़े उत्सव के रूप में, पादरियों ने लियोन में वर्जिन मेरी का 210वां अनुष्टान समारोह एक बड़े परेड के साथ
आयोजित किया।
यहां विद्वानों के विचारो में मेल है कि
मैक्सिकन सरकार ने 1940
के दशक के दौरान क्रांति को त्याग दिया, जिसमें मातृ दिवस को प्रभावित करना भी शामिल
था।आजकल मैक्सिको में मातृ दिवस और वर्जिन मेरी
दोनों ही छुट्टी का एक उत्सव हैं।
नेपाल: "माता तीर्थ औंशी", जिसका अनुवाद है "मदर पिल्ग्रिमेज
फोर्टनाईट" जो बैशाख के महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ता हैं। यह त्यौहार
अमावस्या के दिन होता है,
इसलिए इसे "माता तीर्थ औंशी" कहते
हैं। यह शब्द "माता" अर्थात् मां और "तीर्थ" अर्थात्
तीर्थयात्रा शब्द से व्युत्पन्न हुआ है। यह त्यौहार जीवित और स्वर्गीय माताओं के
स्मरणोत्सव और सम्मान में मनाया जाता है, जिसमें जीवित माताओं को उपहार दिया जाता हैं तथा स्वर्गीय माताओं का स्मरण
किया जाता हैं। नेपाल की परंपरा में माता तीर्थ की तीर्थयात्रा पर जाना प्रचलित
हैं जो काठमांडू घाटी के माता तीर्थ ग्राम विकास समिति की परिधि के पूर्व में
स्थित हैं।
पौराणिक कथा : माता तीर्थ यात्रा के संबंध में एक किंवदंती
है। प्राचीन समय में भगवान श्री कृष्ण की मां देवकी प्राकृतिक दृश्य देखने के लिए
घर से बाहर निकल गयी। उन्होंने कई स्थानों का दौरा किया और घर लौटने में बहुत देर
कर दी.भगवान कृष्ण अपनी मां के न लौटने पर दुखी हो गए। वे अपनी मां की तलाश में कई
स्थानों पर घूमते रहे परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली। अंत में जब वह "माता तीर्थ कुंड" पहुंचे तो
उन्होंने देखा कि उनकी मां तालाब के फुहार में नहा रही हैं। भगवान कृष्ण अपनी मां
को देख कर बहुत खुश हुए और अपनी समस्त शोकपूर्ण घटना जो उनकी माता की अनुपस्थिति
में हुई थी उनके आगे कहने लगे। मां देवकी ने कृष्ण भगवान से कहा कि "ओह!बेटा
कृष्णा फिर तो इस स्थान को बच्चों की उनकी स्वर्गीय माताओं से मिलने का पवित्र
स्थल ही रहने दिया जाये".तब से यह किंवदंती है कि यह स्थान एक पवित्र
तीर्थयात्रा बन गया हैं जहां श्रद्धालु एवं भक्तगण अपनी स्वर्गीय माताओं को
श्रद्धा अर्पण करने आते हैं। साथ ही यह भी किंवदंती हैं कि एक भक्त ने अपनी मां की
छवि को तालाब में देखा और उसके अंदर गिर कर उसकी मृत्यु हो गई। आज भी वहां एक छोटे
से तालाब को चरों तरफ से लोहे की सिकल से बांध दिया गया हैं। पूजा करने के पश्चात
तीर्थयात्री वहां पूरे दिन गाने-बजाने का संपूर्ण आनद उठाते हैं।
थाईलैंड : थाईलैंड में मातृत्व दिवस थाइलैंड की रानी के
जन्मदिन पर मनाया जाता है।
रोमानिया : रोमानिया में ये दो अलग छुट्टियों, मातृ दिवस और महिला दिवस के रूप में मनाया
जाता है।
यूनाइटेड किंगडम
और आयरलैंड: यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड में, मदरिंग सन्डे लेंट के चौथे रविवार को पड़ता है। इस्टर सन्डे के ठीक तीन सप्ताह पहले (23 मार्च 2009 को). ऐसा माना जाता है कि इसका प्रादुर्भाव 16वीं सदी में ईसाइयों द्वारा प्रत्येक साल अपनी मां के गिरिजाघर
में जाने से हुआ हैं,
जिसका मतलब है कि अधिकतर माताएं अपनी संतानों
से इस दिन मिल सकेंगी। अधिकांश इतिहासकार यह मानते हैं कि युवा नौसिखिया और युवतियां सप्ताह के अंत में अपने स्वामी
की गुलामी के बंधन से मुक्त हो कर अपने परिजनों से मिल सकते हैं। धर्मनिरपेक्षता के फलस्वरूप, उचित हैं कि मां के प्रति श्रद्धा अर्पण किया जाये. हालांकि यह अभी भी
ऐतिहासिक अर्थों में कुछ चर्चों द्वारा अभिमुल्यन हुआ हैं, पर मदर मेरी जो यीशु मसीह की मां हैं और साथ में परंपरागत संकल्पना 'मदर चर्च'
को ध्यान में रखते हुए मान्यता प्राप्त हैं। मदरिंग सन्डे जल्द से जल्द 1 मार्च (उस साल जब ईस्टर दिवस 22 मार्च को पड़ता है) या देर हुई तो 4 अप्रैल को (जब ईस्टर दिवस 25 अप्रैल को पड़ता है) तब मनाया जाता हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा मई के दूसरे
रविवार को मातृ दिवस मनाते हैं।
वियतनाम : वियतनाम में मातृ दिवस को ले वू-लैन कहा जाता है और ये चंद्रनामा के सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन मनाया
जाता हैं। जो लोग अपनी मां के साथ रह रहे हैं उन्हें शुक्रगुजार होना चाहिए, जबकि जिनकी माताओं की मृत्यु हो गई है उन्हें
अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
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