(रवि किशन & अर्पिता पाल) |
भोजपुरी सिनेमा का सुनहरा हर एक दौर उत्सुकता भरा हुआ है। भोजपुरी सिनेमा के इतिहास के तीसरे दौर की चर्चा करते हुए कई अनकहे तथ्य जेहन में उतर आते है। आज हम भोजपुरी सिनेमा के सुनहरे तीसरे दौर के शुभारम्भ की पहली भोजपुरी फिल्म का जिक्र कर रहे हैं। यह वह दौर था जब भोजपुरी भोजपुरी सिनेमा का निर्माण ठप्प सा हो गया था। लोग भोजपुरी सिनेमा की नयी फिल्म नहीं देख पा रहे थे। ऐसे में फिल्म वितरक से फिल्म निर्माता बने मोहन जी प्रसाद ने भोजपुरी फिल्म के निर्माण और निर्देशन की योजना बनाई।
सन २००१ में भोजपुरी फिल्म संईया हमार के नाम से फिल्म के निर्माण कार्य शुरू किया गया। चूँकि मोहन जी प्रसाद अधिकतर कलकत्ता में ही रहा करते थे और वहां की फिल्म इंडस्ट्री में इनकी अच्छी पैठ थी। इसलिए सभी कलाकारों का चयन कलकत्ता के कलाकरों का किया गया।
(रवि किशन & बृजेश त्रिपाठी) |
गौरतलब है कि सन १९८० में निर्माता अशोक चन्द जैन और निर्देशक कमर नार्वी की धरती मईया फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस फिल्म के जरिये भोजपुरी सिनेमा के पहले सुपर स्टार कुणाल सिंह यादव का पदर्पण हुआ। कुणाल सिंह दो दशक (२० साल) तक अकेले सुपर स्टार रहे हैं। इनकी फिल्में आज सभी भोजपुरिया सिनेप्रेमी बड़े चाव से पूरे परिवार सहित एक साथ बैठकर देखते हैं।
फिल्म संईया हमार के गीतकार विनय बिहारी, संगीतकार सुजीत कुमार उपाध्याय व तबुन थे। पार्श्वगायन उदित नारायण, विनोद राठौड़, कल्पना आदि ने किया था। मुख्य भूमिका में रवि किशन, अर्पिता पाल, बृजेश त्रिपाठी, लावली सरकार,दीपांकर डे आदि थे। मेहमान भूमिका में बॉलीवुड के नामचीन अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती थे। जहाँ रवि किशन की यह पहली भोजपुरी फिल्म थी वहीँ मिथुन चक्रवर्ती की भी पहली भोजपुरी फिल्म थी। इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती की दूसरी फिल्म भोले शंकर आयी थी। निर्देशक और हीरो की जोड़ी के रूप में मोहन जी प्रसाद और रवि किशन लगातार कई सुपर हिट फिल्मों में साथ में काम किया है।
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