भारतीय संस्कृति को दुनिया भर बहुत महत्व दिया जाता है। ऐसा ही एक पर्व चैत्र नवरात्रि के दिनों में मनाया जाता है, जिसे 'रामनवमी' के रूप में जाना जाता है। हिन्दू धर्म में राम का नाम बहुत महत्त्व रखता है। राम सदाचार के प्रतीक हैं और "मर्यादा पुरूषोत्तम राम" के नाम की महिमा जग विख्यात हैं। रामनवमी को राम के जन्मदिन की स्मृति में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।रामनवमी के मौके पर भारत ही क्या विदेशों के मंदिरों में भी शोभा देखते ही बनती है। ऐसा लगता है पूरी दुनिया श्री राम की भक्ति में डूबी हुई है।
राम नवमी भजन देखिये इस लिंक में -http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/bMFxDbXfkTU/Janmein%2BAwadh%2BMein%2BRam...%2BRamnavami%2BBhajans%2BI%2BFull%2BAudio%2BSongs%2BJuke%2BBoxhttp://www.bhojpurinama.com/trendsplay/bMFxDbXfkTU/Janmein%2BAwadh%2BMein%2BRam...%2BRamnavami%2BBhajans%2BI%2BFull%2BAudio%2BSongs%2BJuke%2BBox
पुरूषोतम भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को दोपहर 12 बजे पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से हुआ था। यह दिन भारतीय जीवन में पुण्य पर्व माना जाता हैं। इस दिन सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ कमाते हैं।
http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/MWebASPUYQw/Prabhuji%2BTumi%2BDao%2BDarshan%2B%257C%2BRam%2BNavami%2BSpecial%2B%257C%2BBengali%2BSong%2B%257C%2BSandhya%2BMukherjee
www.bhojpurinama.com
त्रेता युग में अत्याचारी रावन के अत्याचारो से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था । साधू संतो का जीना मुश्किल हो गया था । अत्याचारी रावण ने अपने प्रताप से नव ग्रहों और काल को भी बंदी बना लिया था । कोई भी देव या मानव रावण का अंत नहीं कर पा रहा था । तब पालनकर्त्ता भगवान विष्णु ने राम के रूप में अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जन्म लिया । यानि भगवान श्री राम भगवान विष्णु के ही अवतार थे।
भगवान विष्णु ने असुरों का संहार करने के लिए राम रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। तभी से लेकर आज तक मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है, परंतु उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता।
अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग कर चौदह वर्षों के लिए वन चले गए। उन्होंने अपने जीवन में धर्म की रक्षा करते हुए अपने हर वचन को पूर्ण किया।
देखिये राम लला का भजन इस लिंक में - http://www.bhojpurinama.com/trendsplay/MWebASPUYQw/Prabhuji%2BTumi%2BDao%2BDarshan%2B%257C%2BRam%2BNavami%2BSpecial%2B%257C%2BBengali%2BSong%2B%257C%2BSandhya%2BMukherjee
भगवान विष्णु ने राम रूप में असुरों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता। अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग 14 वर्ष के लिए वन चले गए और आज देखें तो वैभव की लालसा में ही पुत्र अपने माता-पिता का काल बन रहा है।
राम नवमी का भजन, आरती देखने के लिए लॉगिन करें - www.bhojpurinama.com